अपहरण और चाइल्ड ट्रैफिकिंग की एक बहुत ही अजीबो-गरीब घटना सामने आई है। बीते सप्ताह दिल्ली से अपहृत एक चार वर्षीय बच्चा, जिसे तीन बार बेचा गया, आखिरकार पुलिस ने उसे इस सप्ताह की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से बरामद कर लिया। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरी दिल्ली के भलस्वा डेयरी में स्थित अपने घर के बाहर खेलने के दौरान बच्चे का अपहरण हो गया था।
कथित तौर पर एक दंपत्ति के इशारे पर बच्चे का अपहरण किया गया था, जिसने बच्चे के बदले 4.5 लाख रुपये देने की पेशकश की थी। दंपत्ति एक स्वस्थ बच्चा चाहते थे, क्योंकि उनका 18 वर्षीय बेटा दिव्यांग है।
पुलिस ने बताया कि चार वर्षीय लड़का अपने परिवार के साथ भलस्वा डेयरी में रहता था। उसके पिता छोटे-मोटे काम करते हैं, जबकि उसकी मां गृहणी है।
सीसीटीवी फुटेज से मिला बड़ा सुराग
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, डीसीपी (बाहरी उत्तरी दिल्ली) गौरव शर्मा ने कहा कि बच्चा 31 जनवरी को अपने घर के बाहर खेल रहा था और अचानक से लापता हो गया था। इसके बाद उसकी मां ने पुलिस में बच्चे की गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया, जिसके बाद जांचकर्ताओं ने इलाके के सीसीटीवी खंगालने शुरू किए।
डीसीपी ने कहा कि एक कैमरे की फुटेज में देखा गया कि एक महिला बच्चे को लेकर जा रही है। हमने महिला की पहचान 28 वर्षीय रूमी के तौर पर की, जो कि उसी इलाके में रहती है। रूमी ने कहा कि उसने बच्चे का अपहरण हापुड़ के एक व्यक्ति कपिल के कहने पर किया था।
पति-पत्नी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
रूमी की निशानदेही पर पुलिस ने कपिल और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया, जिन्होंने बताया कि उन्होंने बच्चे को एक आदमी को बेच दिया है, जिसकी मांग पर रूमी को बच्चे का अपहरण करने के लिए कहा गया था। पुलिस ने कहा कि कपिल को इस काम के लिए 70,000 रुपये मिले थे। वहीं बिचौलिया अभी फरार है।
घटनाक्रम के अनुसार, पुलिस बुलंदशहर के एक दंपति के पास पहुंची, जिन्होंने बच्चे के लिए 4.5 लाख रुपये दिए थे। पुलिस के पहुंचने के पहले से पति फरार था, जबकि उसकी पत्नी सुनीता को गिरफ्तार कर लिया गया है और अपहृत चार वर्षीय बच्चे को भी बरामद कर लिया गया है।
एक जांच अधिकारी ने कहा कि इस दंपति ने बिचौलिए से बच्चे का अपहरण करने के लिए कहा था या कहीं से बच्चे का इंतजाम करने के लिए कहा था, इसकी पुष्टि तभी होगी जब फरार दोनों संदिग्ध पकड़े जाएंगे। यह एक बड़ा बच्चा-चोर गिरोह भी हो सकता है।
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