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Video से लाल हुए विधायक, Office Staff को शरारती तत्वों पर नजर रखने के निर्देश

जालंधर : विधायक राजिंदर बेरी का वीडियो बनाने की आजकज खूब चर्चा है। इस घटना को लेकर विधायक भी गुस्से में हैं। हालांकि मिस्टर कूल के नाम से जाने जाते बेरी को सार्वजनिक रूप से गुस्सा करते कम ही देखा गया है। हाल ही में उनके अपने दफ्तर में ऐसा काम हो गया कि उन्हें गुस्सा आ गया। अली मोहल्ला में कई दिन से गंदा पानी आ रहा था। यही मामला लेकर पार्षद विपन बब्बी चड्ढा के साथ कुछ युवक विधायक के ऑफिस पहुंचे। पार्षद के साथ आए युवक ने इस मुद्दे पर विधायक और पार्षद के बीच बातचीत का वीडियो बनाना शुरू कर दिया। यह देख बेरी भड़क गए। विधायक ने तो युवक का हाथ ही पकड़ लिया और खूब डांटा। बब्बी चड्ढा से भी नाराजगी जताई और युवक के मोबाइल में से वीडियो डिलीट करवाया। बेरी ने ऑफिस स्टाफ को निर्देश दिया है कि शरारती तत्वों पर नजर रखें।

विवादों में घिरते मेयर

मेयर जगदीश राज राजा का विवादों से नाता छूट ही नहीं रहा है। वह जो कदम उठाते हैं उसका ही विरोध शुरू हो जाता है। पार्षदों से अगले तीन साल की योजनाओं पर सुझाव मांगे तो पार्षदों ने ठेंगा दिखा दिया। वे अपने इंटरव्यू को लेकर पहले ही विधायकों, पार्षदों की नाराजगी झेल रहे हैं। अब सब कमेटियां बनाई तो उसमें सार्वजनिक रूप से बगावत हो गई है। मेयर खुद नहीं समझ पा रहे कि उनके साथ यह सब क्या हो रहा है। मेयर राजनीतिक तौर और निगम के कामकाज को लेकर सबके निशाने पर हैं। सब-कमेटियों के गठन पर सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर और डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी से पूछा तक नहीं। दोनों खुल कर कुछ नहीं कह रहे हैं लेकिन पूरी तरह खार खाए बैठे हैं। मेयर पर एक विधायक का एजेंडा लागू करने के आरोप है। अब शहर में स्ट्रीट लाइट्स बंद होने पर मेयर घिर गए हैं।

इंतेहा हो गई इंतजार की

शहर के नेता, अफसर पब्लिक सभी इंतजार में हैं। सबका इंतजार भी अपना-अपना है। जिला प्लानिंग बोर्ड से कई नेताओं की उम्मीद जुड़ी है और उन्हें इंतजार है कि अब कब चेयरमैन की घोषणा होगी। पंजाब में अधिकांश जिला प्लानिंग बोर्ड के चेयरमैन नियुक्त हो चुके हैं लेकिन जालंधर पेंडिंग है। वहीं अफसरों को अपनी नई ट्रांसफर का इंतजार है। इसलिए काम में मन कम लग रहा है। चाहे पुलिस प्रमुख हों, चाहे प्रशासन या निगम प्रमुख, सभी को चंडीगढ़ से संदेश का इंतजार है। ऐसे ही इंतजार कांग्रेस, भाजपा और अकाली दल के नेताओं भी है। तीनों के नए प्रधान बनने हैं और पार्टी के संदेश का इंतजार है। सबका इंतजार लंबा हो गया है। इसमें सबसे ज्यादा राहत की उम्मीद बिजली की दरों में कमी की घोषणा से है।

जगबीर बराड़ फिर अकाली होंगे

मार्कफेड के चेयरमैन और पूर्व मंत्री अमरजीत सिंह समरा ने अब एक नई चर्चा छेड़ दी है। समरा के नए बयान का असर नकोदर से लेकर कैंट तक और मुक्तसर तक पड़ रहा है। समरा कहते हैं कि बराड़ अगला चुनाव नकोदर के बजाय जालंधर कैंट से अकाली दल की टिकट पर लड़ सकते हैं। समरा ने बराड़ के लिए नकोदर सीट छोड़ी थी। बराड़ पिछला चुनाव हार गए लेकिन अब उनका वापस जालंधर कैंट सीट पर एक्टिव हैं। समरा से बराड़ की बोलचाल भी बंद है। बराड़ पंजाब सरकार में चेयरमैन हैं और नकोदर हलके के इंचार्ज भी हैं। वह मूल रूप से मुक्तसर के हैं। बराड़ की रणनीति को राजनीतिज्ञ भी समझ नहीं पा रहे हैं। वह कांग्रेस के नकोदर से इंचार्ज हैं, चेयरमैन भी हैं लेकिन टिकट अकाली दल की चाहते हैं। इसी चक्कर में एक बार अकाली दल छोड़ कर नुकसान झेल चुके हैं।

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