पश्चिम बंगाल में संपत्ति विवाद को लेकर अपनी भाभी और एक साल के भतीजे की हत्या करने वाले एक व्यक्ति को कोलकाता की एक अदालत ने शुक्रवार को मौत की सजा सुनाई। उसकी पत्नी को उम्रकैद की सजा
सुनाई है। घटना 2008 की है।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश चिन्मय चटर्जी ने एक साल के बच्चे की हत्या को दुर्लभतम मामला बताया और सत्य साहा को मौत की सजा और उसकी पत्नी को उम्रकैद की सजा सुनाई।
सत्य और उसका भाई विद्युत बेलियाघाट में सुरेन सरकार मार्ग पर एक ही परिसर में रहते थे। उसी संपत्ति को लेकर उनके बीच विवाद था। इसी विवाद के चलते सत्य और नंदिता ने भाभी और बच्चे की गला घोंटकर हत्या कर दी।
हत्या के एक दिन बाद बच्चे का शव उत्तरी कोलकाता के आर.जी. कार अस्पताल के निकट एक नाले से मिला और उसकी मां का शव इसके अगले दिन दुर्गापुर एक्सप्रेसवे में झाड़ियों से मिला था। नंदिता को 16
दिसंबर 2008 को और सत्य को 10 फरवरी 2009 को गिरफ्तार किया गया था।
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