नई दिल्ली : How Dangerous Is Coronavirus?: दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश चीन में कोरोना वायरस से अब तक 636 लोगों की मौत हो चुकी हैं, जबकि संक्रमित लोगों की संख्या 31 हज़ार तक पहुंच गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) ने पहले ही कोरोना वायरस को एमरजेंसी घोषित कर दिया है और इसके लिए एडवायज़री भी जारी की है। जिसके तहत लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए चीन न जाने की सलाह दी है।
अमेरिका, ब्रिटेन और फ़्रांस ने चीन से आने जाने वाली सभी विमानों को तत्काल सेवा से हटा दिया और अगली सुचना मिलने तक अपने देश के नागरिकों को चीन न जाने की सलाह दी है। वहीं, अब भारत में तीन लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण पाए गए हैं। जिसके बाद भारत सरकार ने भी देश के नागरिकों को चीन न जाने की सलाह दी है और चीन में पढ़ रहे छात्रों को वापस स्वदेश लाने के लिए कई अतिरिक्त उड़ाने चलाई हैं।
ऐसे में आज हम आपको कोरोना वायरस के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं कि कोरोना वायरस क्या है, कैसे फैलता है, इसके लक्षण क्या है और कितना खतरनाक है?
कोरोना वायरस क्या है?
कोरोना वायरस का संबंध एक ऐसी बीमारी से है, जिससे व्यक्ति को सर्दी, बुखार, सुखी खांसी, और सांस लेने की समस्या होती है। वैसे इसके संक्रमण के फैलने के बारे में कोई सत्यपित पुष्टि नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों की माने तो 2003 में संक्रमण की पहली बार पहचान की गयी थी।
हालांकि, उस समय इस संक्रमण से जान माल की क्षति नहीं हुई थी, लेकिन इस बार संक्रमण से अब तक 636 लोगों की मौत हो चुकी है। इसकी शुरुआत चीन के शहर वुहान से हुई थी। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सर्दी, बुखार, सुखी खांसी और सांस लेने की समस्या होती है। फ़िलहाल इस वायरस का ईलाज अथवा टीका बाजार में उपलब्ध नहीं है, और न ही बना है।
कोरोना वायरस ज़ूनोटिक है जो जानवरों के माध्यम से इंसानों को होता है। जो सबसे पहले SARS-CoV सीविट बिल्ली से इंसान को हुआ, और फिर MERS-CoV ड्रोमेडरी ऊंट से इंसान को हुआ। इसके साथ ही कई ऐसे कोरोना वायरस जानवरों में पाया जा रहा है, जिसकी पहचान अब तक नहीं हो पाई है और न ही इन जानवरों के संक्रमण का शिकार इंसान हुआ है।
क्या है इसके लक्षण
संक्रमित व्यक्ति को सांस संबंधी तकलीफ, बुखार, सुखी खांसी, ज़ुकाम आदि की शिकायत होती है। अगर प्राथमिक स्तर पर इसकी पहचान नहीं हो पाती है, अथवा ईलाज में देरी की जाती है, तो इसका असर भयावह होता है। गंभीर मामलों में व्यक्ति को निमोनिया, सांस लेने में अधिक तकलीफ, और किडनी फेल होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, कई मामले में मरीज की मौत भी हो सकती है।
नोवेल कोरोना वायरस क्या है?
कोरोना वायरस पहले कभी इंसानों में नहीं पाया गया है, और जब पहली बार 2019 में चीन के शहर वुहान में इसकी पहचान की गयी, तो इस वायरस को 2019-nCoV नोवेल कोरोना वायरस नाम दिया गया।
क्या नया वायरस सार्स के समान है?
बिल्कुल नहीं, 2019-nCoV नॉवेल कोरोना वायरस सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम यानि की सार्स (SARS-CoV) परिवार से ही है, लेकिन ये दोनों समान वायरस नहीं हैं और न ही इनका संक्रमण समान है।
कोरोना वायरस कितना खतरनाक है?
कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति अथवा मरीज़ को सांस संबंधी तकलीफ, बुखार, सुखी खांसी, नाक से पानी आना, आदि की परेशानी होती है। अगर प्राथमिक स्तर पर ही इसका ईलाज किया जाए, तो इससे होने वाली अप्राकृतिक संकट को टाला जा सकता है।
वहीं, अगर प्राथमिक स्तर पर वायरस की पहचान नहीं हो पाती है, या उपचार नहीं हो पाता है, तो ऐसी स्थिति में पीड़ित व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। कई केसों में ये बीमारी घातक हो सकती है। जिसमें अगर मरीज वृद्ध हो, अथवा मरीज को डायबिटीज़ और दिल की बिमारियों हो। उनके लिए कोरोना वायरस अभिशाप जैसा है।
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