शोधकर्ताओं ने एक ऐसा उपकरण तैयार किया है, जिससे अवसाद विकसित होने के खतरे का पता लगाया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह उपकरण उन किशोरों की पहचान करेगा, जिनको युवावस्था में जाकर अवसाद होने का अधिक या कम खतरा होता है। यह अध्ययन किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया।
ऐसे किया अध्ययन : यह अध्ययन अमेरिकन एकेडमी ऑफ चाइल्ड एंड एडोलेसेंट साइकाइट्री नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन के दौरान, इस उपकरण की कार्यक्षमता को आंका गया। इसमेंे ब्राजील के 2000 किशोरों के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया। इन आंकड़ों की मदद से शोधकर्ताओं ने उपकरण का इस्तेमाल कर किशोरों के युवावस्था में पहुंचने पर अवसादग्रस्त होने की पहचान की।
Be First to Comment