जालंधर: नए साल पर शहर के लोगों को तोहफा मिल सकता है। वाटर मीटर पॉलिसी के रेट्स और मुफ्त पानी देने को लेकर बनाई गई कमेटी की अगली मीटिंग में लोगों को राहत देने की तैयारी की जा रही है। वाटर मीटर कमेटी के सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट में शहर के सभी लोगों को 10 हजार लीटर पानी हर महीने मुफ्त देने की सिफारिश की है। साथ ही उन्होंने पांच मरले वालों को भी पानी व सीवरेज के कुल 300 रुपए बिल में रियायत देकर 200 रुपए करने की सिफारिश की है। इस कमेटी की अगली मीटिंग पिछले हफ्ते 20 दिसंबर को होनी थी, लेकिन एफ. एंड सी.सी. की मीटिंग के कारण उसे टाल दिया गया था। अब कमेटी की मीटिंग अगले हफ्ते सोमवार-मंगलवार को हो सकती है।
बता दें कि निगम ने पिछली हाऊस मीटिंग में नई वाटर मीटर पॉलिसी को लागू कर दिया है जिसमें पार्षदों ने विरोध किया तो कमेटी बनाई गई थी। ताकि इस पॉलिसी में 5 मरले वालों का बंद किए गए पानी के बाद उनको क्या राहत दी जाए और नए रेट्स को लेकर भी विचार किया जाना था। इसके लिए पार्षदों की एक कमेटी बनाई गई है। जिसमें चारों हलकों से एक-एक सीनियर पार्षद को शामिल किया गया है। इसमें वैस्ट हलके से पार्षद सुनीता रिंकू, कैंट हलके से बलराज ठाकुर, सैंट्रल से जगदीश गग और नॉर्थ से निर्मलजीत सिंह निम्मा के अलावा सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर और डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत बंटी भी थे।
इन सभी ने पहली मीटिंग की थी, जिसमें सभी मैंबरों को पानी के नए रेट्स और पानी मुफ्त देने को लेकर अपनी रिपोर्ट लाने के लिए कहा था। इन मैंबर्स से बात करने के बाद यह बात सामने आई है कि सभी मैंबर शहर के 2 मरले वालों को 10 हजार लीटर पानी देने की बजाए सारे शहर के लोगों को इतना ही पानी हर महीने मुफ्त देने की सहमति बना सकते हैं। उसके बाद लोगों से पानी का बिल वसूला जाएगा। इसके अलावा पांच मरले वालों से 150-150 रुपए पानी व सीवरेज के वसूलने का फैसला लिया गया था।
कमेटी इस रेट को भी कम करके 100-100 रुपए कर सकती है। क्योंकि नई पॉलिसी के तहत सभी लोगों को अपने घरों में वाटर मीटर जरूर लगाने होंगे। शहर के ढाई लाख प्रॉपर्टीज में मीटर लगाने के लिए तीन साल का समय दिया गया है। मीटर नहीं लगाने वालों के कनैक्शन काटे जाएंगे। उनको पानी व सीवरेज की सुविधा नहीं मिलेगी। कमेटी की दूसरी मीटिंग में फैसला होने के बाद ही इस पॉलिसी को लागू किया जाएगा।
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