पटना/दिल्ली. दिल्ली के रानी झांसी रोड इलाके में अनाज मंडी स्थित फैक्ट्री में रविवार सुबह आग लग गई। हादसे में 43लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 28 शवों की शिनाख्त हो चुकी है इसमें से 25 बिहार के रहने वाले है। इनमें समस्तीपुर के आठ, सरहसा के पांच, सीतामढ़ी के पांच, मुजफ्फरपुर के तीन, अररिया-बेगूसराय-मधुबनी के एक-एक लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। दो लोगों के बारे में अब तक जानकारी नहीं मिल सकी है।प्रशासन मृतकों की पहचान करने में जुटाहै। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेहादसे में बिहार के रहने वाले मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
घटना की जानकारी मिलते ही मची चीख-पुकार
मृतक के परिजनों को जैसे ही हादसे की खबर मिली, पूरे गांव में चीख-पुकार मच गई। कोई फोन कर अपने करीबियों को हाल जानने की कोशिश कर रहा है तो किसी के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। हादसे में कई गंभीर घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
ज्यादातर मृतक बिहार के समस्तीपुर, सहरसा और सीतामढ़ी के निवासी
डीसीपी नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट मोनिका भारद्वाज ने बताया- अब तक 43 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 28 की शिनाख्त हुई। 28 में 25 मृतक बिहार के रहने वाले हैं और इनमें भी सबसे ज्यादा तादाद समस्तीपुर, सहरसा और सीतामढ़ी के निवासियों की है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण 51 लोगों को भर्ती कराया गया और यहां अब तक 34 की जान गई, इनमें से 23 की शिनाख्त हुई है। लोहिया हॉस्पिटल में भर्ती 11 में से 9 की मौत हुई और इनमें से 3 की शिनाख्त हुई।
मृतक का नाम | निवासी |
इमरान | मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) |
मो. साजिद | मुजफ्फरपुर (बिहार) |
मुशर्रफ अली | बिजनौर (उत्तर प्रदेश) |
गुड्डू | समस्तीपुर (बिहार) |
मो. सदरे | समस्तीपुर (बिहार) |
मो. साजिद | समस्तीपुर (बिहार) |
मो. इकराम | मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) |
अकबर | समस्तीपुर (बिहार) |
फैसल | सहरसा (बिहार) |
सलीम | सहरसा (बिहार) |
अफसार | सहरसा (बिहार) |
शाकिर | — |
अफजल | समस्तीपुर (बिहार) |
साजिद | समस्तीपुर (बिहार) |
मुखिया | — |
एनुल | सीतामढ़ी (बिहार) |
गयासुद्दीन | सीतामढ़ी (बिहार) |
जोजो | समस्तीपुर (बिहार) |
गनवा | समस्तीपुर (बिहार) |
दुलारे | सीतामढ़ी (बिहार) |
अब्बास | मुजफ्फरपुर (बिहार) |
राजू | मुजफ्फरपुर (बिहार) |
अय्यूब | — |
नवीन कुमार | बेगूसराय (बिहार) |
मो. गुलाब | सीतामढ़ी (बिहार) |
सनाउल्लाह | सीतामढ़ी (बिहार) |
मो. सज्जार | सहरसा (बिहार) |
जाहिद | सहरसा (बिहार) |
प्रत्यक्षदर्शी मो. शाहिद ने बताया- जो ऊपर थे वेऊपर ही रह गए
हादसे मेंदरभंगा जिले के बवारा बुदरू गांव के रहने वाले मो. शाहिद बाल-बाल बच गए। वह इमारत में ही थे। उन्होंने बताया- मैं सोया हुआ था। सुबह करीब पौने पांच बजे एक व्यक्ति कमरे में आया औरसबको जगाकर बोला कीनीचे आग लग गई। हम लोग उठे और नीचे देखने गए। इतने में आग फैल गई। हमदोबारा ऊपर नहीं आ पाए। जो ऊपर थे वो ऊपर ही रह गए और जोनीचे थे वे नीचेरह गए। दोबारा अंदर जाने का कोई मौका नहीं मिला।
“कमरे में धुआं था, खिड़की खोल कर ली सांस”
मुजफ्फरपुर के रहने वाले मो.मुस्तफा भी हादसे में झुलस गए। उनके परिजन अलाउद्दीन ने बताया कि जैसे ही अनाज मंडी में आग की खबर मिली। उन्होंने तुरंत मुस्तफा को फोन किया। वहउस वक्त एंबुलेंस में थे। मुस्तफा ने मुझेबताया कि रात में 3 बजे तक फिल्म देखने के बाद वह सो गए। सुबह 4.30 बजे गर्मी की वजह से नींद खुली। गेट खोला तो बाहर धुआं ही धुआं था। बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं नजर आ रहा था। धुएं के कारण सांस नहीं ले पा रहे थे। भागकर एक कोने वाले कमरे में गए और खिड़की खोली तो जान में जान आई। 30 मिनट बाद कोई आया और खींचकर बाहर निकाला।
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