जालंधर : पंजाब सरकार के एम-सेवा एप पर आने वाली शिकायतों को नगर निगम हलके में ले रहा है। ऐसा ही एक मामला सड़क में पैचवर्क के काम की शिकायत का आया है। खराब पैचवर्क की करीब दस महीने पहले 13 फरवरी, 2019 को शिकायत की गई थी लेकिन किसी भी अधिकारी ने दस महीने तक न तो शिकायत दूर की और न ही किसी कर्मचारी की ड्यूटी लगाई। दस माह बाद 16 दिसंबर 2019 को यह शिकायत नगर निगम के बीएंडआर ब्रांच के जूनियर इंजीनियर संदीप को फारवर्ड करके उनकी ड्यूटी लगाई है कि वह इस मसले पर शिकायतकर्ता से मिलेगा। जूनियर इंजीनियर संदीप ने भी अब तक शिकायतकर्ता से संपर्क नहीं किया है।
दस महीने पहले इस सड़क का इंटरलॉकिंग टाइल्स से पैचवर्क किया गया था। पैचवर्क ठीक से न होने की कई शिकायतें आई थीं। इसी कड़ी में पंजाब सरकार के एम-सेवा एप पर भी सड़क की फोटो अपलोड करके जगजीत सिंह ने शिकायत की थी। यह सड़क अब बननी शुरू हो गई है। इसके पैचवर्क पर लाखों रुपया खर्च किया गया था। अब इसे दोबारा बनाया जा रहा है। निगम ने इस शिकायत पर तब काम शुरू किया जब सड़क निर्माण शुरू हुआ। इतने महीने तक शिकायत कहां दबी रही इसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है। पंजाब सरकार ने नगर निगमों और कौंसिलों से सबंधित शिकायतों को तेजी से दूर करने के लिए एम-सेवा एप बनाई थी लेकिन इस पर आने वाली शिकायतों की अनदेखी की गई। इससे एप-सेवा लोगों में लोकप्रिय नहीं हो पाई।
पंजाब सरकार की कोशिश थी कि जो शिकायतें सरकार के माध्यम से निगमों, कांउसिलों को मिलेंगी उन पर जल्द काम होगा। इस एप को शहर में विकास और मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करने के लिए सरकार लोगों तक पहुंचाना चाहती है लेकिन अफसर इसमें लापरवाही दिखा रहे हैं। ओएंडएम विभाग शिकायतों पर सक्रिय निगम के ओएंडएम विभाग के अधिकारी एप से आने वाली शिकायतों पर सक्रिय हैं।
एसई सतिंदर कुमार ने कहा कि सीवरेज, पानी, स्ट्रीट लाइट्स की शिकायतें आ रही हैं। इन्हें हल करके एप पर ही जवाब भी दिया जा रहा है और सरकार को भी हर माह रिपोर्ट देनी होती है। उन्होंने कहा कि ओएंडएम के एसडीओ और जेई अपने-अपने जोन के नोडल अफसर हैं। उन्हें सीधी शिकायत पहुंती हैं जिसका तय समय में हल किया जाता है।
शिकायतों की मॉनिटरिंग शुरू की गई है : रजनीश डोगरा
बीएंडआर डिपार्टमेंट के इंचार्ज एसई रजनीश डोगरा ने कहा कि एम सेवा एप पर आने वाली शिकायतों की मॉनिटरिंग शुरू की गई है। पिछले दिनों 15 शिकायतें आईं थी जिनमें से छह शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है। अब इसमें देरी नहीं होगी। शिकायतों की मॉनिटरिंग वह खुद करेंगे। लोगों से अपील है कि इस एप पर आनॅलाइन शिकायत दर्ज करवाएं।
प्रॉपर्टी टैक्स पर फोकस था : निगम कमिश्नर
नगर निगम कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा का कहना है कि पहले एम-सेवा पर उपलब्ध प्रॉपर्टी टैक्स की आनॅलाइन सर्विस पर फोकस किया गया था। अब एप पर आने वाली किसी भी तरह की शिकायतों पर फोकस करेंगे। लोगों की शिकायतों को दूर करने में तेजी लाएंगे।
एप पर फोकस करेंगे तो अफसरों को काम करना पड़ेगा : मेयर
मेयर जगदीश राजा ने कहा कि एम-सेवा एप पर आने वाली शिकायतों का अफसरों को पता है लेकिन इस पर काम इसलिए नहीं करते क्योंकि लोगों को सेवाएं देनी होंगी। इससे बचने के लिए शिकायतों को अटेंड नहीं करते। इस पर अफसरों से खुद रिपोर्ट लूंगा। सरकार के एप पर काम नहीं होगा तो सरकार की बदनामी होगी। ऐसा किसी कीमत पर नहीं होने देंगे। अफसरों को इसकी जिम्मेवारी लेनी ही होगी।
M-एप पर आप ये शिकायतें कर सकते हैं
स्ट्रीट लाइट्स, गारबेज या ड्रेन समस्या, पानी और सीवरेज की समस्या, प्रॉपर्टी टैक्स व हाउस टैक्स, गलियां और फुटपाथ, मच्छर, बेसहारा जानवर, सार्वजनिक शौचालय, जमीन विवाद, पेड़, पार्क, खुले में शौच (आपको फोटो खींचकर इस एप पर अपलोड करनी होती है)।
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