नई दिल्ली : वैसे तो अच्छी नींद हर किसी के लिए जरूरी होती है। अगर आठ से नौ घंटे की नींद पूरी न हो तो शरीर में थकान रहने लगती है। वहीं अगर यह लंबे समय तक कायम रहे तो कई तक तरह की बीमारियां हो सकती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर बच्चे ठीक ढंग से नहीं सो पाता है तो उसका सेहत पर बुरा असर पड़ता है। उसे भी गंभीर रोग हो सकते हैं। ये बात एक रिसर्च में सामने आई है।
रिसर्च के मुताबिक अगर शोध के मुताबिक एक बच्चे को 16 साल की उम्र में कम से कम रात में नौ घंटे की नींद जरूरी है। अगर वो नौ घंटे की नींद नहीं लेते हैं तो उनकी सेहत बिगड़ सकती है। उनका मोटापा बढ़ सकता है। इसके साथ ही डायबिटीज़ जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। ये शोध इटली में हुआ है। इंस्टीट्यूट ऑफ फूड साइंस ऑफ द नेशनल रिसर्च काउंसिल के शोधकर्ताओं ने ये रिसर्च किया है। उन्होंने अपने रिसर्च में आगे कहा कि कई बार ये पता लगा पाना मुश्किल हो जाता हैकि एक बच्चे ने कितने घंटे की नींद ली, क्येांकि कई बार पैरेंट्स को भी इस बात का सटीक अंदाजा नहीं होता। इसलिए अब शोधकर्ताओं ने एक ऐसा विकसित कर लिया है, जिससे बच्चों के सोने की आदतों के बारे में सही जानकारी पा सकते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकेगा कि आखिर एक बच्चे ने कितने घंटे की नींद ली है।
ऐसे होगा टेस्ट
यह ब्लड टेस्ट खून में मौजूद माइक्रो आरएनएज नामक अणु की पहचान कर नींद के बारे में पता लगाता है। वैज्ञानिकों ने नींद के समय के अनुसार माइक्रो आरएनएज में काफी बदलाव देखा। दो विभिन्न प्रकार के माइक्रो आरएनएज को देखने के बाद उन्होंने बताया कि कौन-सा बच्चा नौ घंटे सोता है और कौन कम सोता है। इसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचे।
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