तेज दिमाग के बच्चों को जन्म देने के लिए महिलाओं को बहुत माथा-पच्ची करने की जरूरत नहीं है। रोजाना एक अखरोट व मछली का सेवन कर दिमागी रूप से तेज बच्चों को जन्म दिया जा सकता है। इसके साथ ही डॉक्टर की सलाह पर फोलिक एसिड की गोली भी खानी होगी। यह सलाह केजीएमयू के स्त्री एंव प्रसूति रोग विभाग (कवीनमेरी) की डॉ. एसपी जायसवार ने दी।
आशियाना स्थित स्मृति उपवन में शुक्रवार को 63 वीं ऑल इंडिया कांग्रेस ऑफ आब्स्ट्रेक्टस एंड गायनोकोलॉजी की कान्फ्रेंस में तीसरे दिन डॉक्टरों ने अहम जानकारी साझा की। डॉ. एसपी जायसवार ने कहा कि देश में हर साल दो करोड़ 70 लाख महिलाएं गर्भधारण करती हैं। इनमें दो करोड़ प्रसव होते हैं। यूपी में हर साल करीब 58 लाख बच्चों को जन्म हो रहा है।
उन्होंने कहा कि बहुत से दम्पत्ति बुद्धिमान बच्चों को जन्म देने की ख्वाहिश लेकर आते हैं। जानकारी हासिल करते हैं। उन्होंने बताया कि गर्भधारण करने से कम से कम एक माह पूर्व फोलिक एसिड की गोली का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा रोज एक अखरोट खाएं। मछली का सेवन सप्ताह में एक बार करें। अखरोट व मछली में भरपूर मात्रा में ओमेगा पाया जाता है। जो दिमाग के लिए अहम है। उन्होंने बताया कि विटमिन बी कॉम्प्लेक्स का सेवन करें। हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं। इससे गर्भ में पल रहे शिशु में दिमाग व न्यूरल ट्यूब का पूरा विकास होता है। मंदबुद्धि समेत दूसरी बीमारियों के खतरे से भी शिशु को बचा सकते हैं।
गर्भवती की मौत की जानकारी देने वाले को मिलेगा 1000 रुपये
प्रसव के दौरान दम तोड़ने वाली महिलाओं के आंकड़े जुटाए जाएंगे। ताकि मौत के कारणों को आसानी से पता लगाया जा सके। इसके लिए सरकार अहम कदम उठाने जा रही है। प्रसव के दौरान दम तोड़ने वाली महिलाओं की जानकारी देने वालों को 1000 रुपये का ईनाम दिया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के डॉ. दिनेश बंसवाल ने कहा कि एक लाख गर्भवती में 122 की मौत हो रही है। हर साल करीब 32 हजार मौते प्रसव के दौरान हो रही है। इसमें कमी लाने के लिए मौत के सही आंकड़ों का पता लगाना जरूरी है। क्योंकि बहुत से प्रसव घर पर हो रहे हैं। रास्ते में भी बहुत से गर्भवती महिलाएं दम तोड़ रही है।
उन्होंने बताया कि मौत के आंकड़ों की जानकारी देने वाले को 1000 रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए सुमन योजना शुरू की गई है। पोर्टल पर जानकारी देनी होगी। फिर जानकारी की पुष्टि होगी। उसके बाद सूचना देने वाले को ईनाम मिलेगा। सही जानकारी मिलने पर सटीक योजना बनाने में मदद मिलेगी।
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