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बोन कैंसर के उपचार में वरदान है हॉट डॉग तकनीक, जानें कैसे

राजस्थान में जयपुर के भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र के ऑथोर्ऑन्को सर्जन डा़ प्रवीण गुप्ता ने कहा है कि बोन कैंसर के उपचार में हॉट डॉग तकनीक वरदान साबित हो रही है।

इस तकनीक के तहत पैरों की कैंसरग्रस्त हड्डी को निकालकर कृत्रिम हड्डी लगाने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि कैंसरग्रस्त हड्डी निकालकर रेडियो थैरेपी और तरल रूप में नाइट्रोजन का इस्तेमाल करके उसे कैंसरमुक्त बनाया जाता है, इसके बाद उसे पुन: मूल स्थान पर जोड़ दिया जाता है। फिर यह हड्डी तीन चार महीने में जुड़कर सामान्य स्थिति में आ जाती है।

हाल ही में एक 13 वषीर्य बालक के कैंसरग्रस्त हड्डी को विकिरण की मदद से कैंसरमुक्त करके प्लास्टिक सर्जरी के जरिए उसमें रक्त प्रवाह बनाने में कामयाबी हासिल हुई है। उन्होंने बताया कि कैंसरमुक्त की गयी हड्डी में रक्त प्रवाह बनाने के लिये दूसरे पांव की हड्डी का टुकड़ा निकाला गया जिसे कैंसरमुक्त हड्डी में समायोजित करके उसमें रक्त प्रवाह बनाया गया। इसके बाद मरीज सामान्य गतिविधि कर सकता है।

उपचार की इस पद्धति के इस्तेमाल से बच्चों का कद बढ़ने में अड़चन नहीं आती, जबकि कृत्रिम हड्डी लगाने पर कद नहीं बढ़ता है। इस तकनीक के कामयाब होने से अन्य रोगियों के उपचार में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि कैंसर बच्चों में तेजी से बढ़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर वर्ष करीब तीन लाख बच्चे कैंसर का शिकार होते हैं, इसमें 78 हजार से ज्यादा अकेले भारत में हैं। हमारे देश में हर वर्ष करीब 4०० बच्चों में बोन कैंसर के मामले देखे जाते हैं। भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र में हर वर्ष करीब 25 बच्चों का उपचार किया जा रहा है।

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