मॉस्को. रूस में जलवायु परिवर्तन का असर दिखने लगा है। दरअसल, रूस के बर्फीले गांव चूकोटका में 56 ध्रुवीय भालुओं ने अपना अड्डा बना लिया है। इस कारण गांव के करीब 7000 लोग घरों में कैद हो गए हैं। इन भूखे शिकारी भालुओं के डर से उन्होंने घरों से बाहर निकला छोड़ दिया है। बच्चों ने भी स्कूल जाना बंद कर दिया है। स्थानीय लोगों को कहना है कि यह दूसरी बार है, जब इस गांव के लोगों ने अपने दरवाजे पर ध्रुवीय भालुओं का सामना किया है।
रूसी मीडिया में भी इन भालुओं का आतंक चर्चा का मुद्दा बना है। अधिकारियों ने 600 किलो वजनी और 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने वाले इन भालुओं से लोगों को बचने की सलाह दी है। रूस में इन्हें गोली मारना गैरकानूनी है। वन्यजीव जीव विज्ञानी टॉड एटवुड ने कहा- गर्मियों में जब बर्फ पिघलने लगती है तो ध्रुवीय भालू आबादी वाले इलाकों का रुख करते हैं।
आर्कटिक का तापमान 0.75° सेल्सियस तक बढ़ा
ग्लोबल वार्मिंग को लेकर जर्नल साइंस एडवांस में प्रकाशित एक अध्ययन में ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों का आंकलन किया गया। शोध में दावा किया गया है कि 100 साल में पृथ्वी का कुल तापमान जितना बढ़ा, उतना अकेले आर्कटिक में 10 साल में ही बढ़ गया है। पिछले एक दशक में आर्कटिक का तापमान 0.75° डिग्री सेल्सियस बढ़ा है। यह आंकड़ा बीते 137 सालों में तापमान में हुई कुल वृद्धि के बराबर है।
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