छले तीन माह में दिल्ली-एनसीआर के 150 से अधिक लोग समलैंगिकों के डेंटिंग एप ग्राइंडर के माध्यम से जालसाजों का शिकार बन चुके हैं। पीड़ितों की सूची में नामी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कम से कम 50 सीनियर एग्जीक्यूटिव और सीईओ के नाम भी शामिल हैं।
शातिर पीड़ितों से ग्राइंडर एप पर दोस्ती करते हैं और फिर अंतरंग तस्वीरों के जरिए उन्हें ब्लैकमेल करते हैं। गुरुग्राम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस गिरोह के सदस्य ग्राइंडर एप के जरिए अपने शिकार से संपर्क करते हैं और दोस्ती करने के बाद उन्हें मिलने के लिए बुलाते हैं। अधिकांश मामलों में पीड़ित अकेले ही अपनी कार से आते हैं। जब वे गिरोह के सदस्य के साथ अपनी कार में होते हैं तो बाकी आरोपी उनकी अंतरंग तस्वीरें लेते हैं और उनके साथ मारपीट एवं लूटपाट करते हैं। एक पीड़ित की शिकायत पर चार आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। बाकी दो की अभी तलाश कर रही है।
गिरोह के सदस्य इस तरह बनाते थे निशाना
गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त मुहम्मद अकिल ने बताया कि गिरोह के सभी छह सदस्य भोंडसी के हैं। इन्होंने तीन इंजीनियरों को 30 हजार प्रतिमाह पर नौकरी पर रखा था। इंजीनियर गूगल से फोटो लेकर प्रोफाइल पिक्चर के रूप में प्रयोग कर प्रोफाइल बनाते थे और पीड़ितों से दोस्ती कर उन्हें गुरुग्राम के सेक्टर-29 में मिलने के लिए बुलाते। यहां गिरोह का सदस्य पीड़ित को दक्षिण पेरिफेरल-वे या वेस्टर्न पेरिफेरलवे पर चलने की सलाह देता था, जहां पर पुलिस की आवाजाही कम होती है। गिरोह के सदस्य पीड़ित की कार का पीछा करते थे और अंतरंग अवस्था में उनके फोटो खींच लेते थे। गिरोह के सदस्य पीड़ित की कार को घेर लेते थे और उसे पिस्तौल दिखाकर डराते थे। फोटो, वीडियो वायरल करने की धमकी देकर सामान छीन लेते थे।
हाईवे पर दबोचा
नवंबर में गुरुग्राम के एक पीड़ित ने पुलिस से संपर्क किया। उसने बताया कि वह आरोपियों को पांच लाख रुपये दे चुका है और वे अब भी उसे ब्लैकमेल कर रहे हैं। 38 वर्षीय यह पीड़ित एक नामी कंपनी में सीनियर एग्जीक्यूटिव है, उसे भी सेक्टर 29 में मिलने बुलाया गया था। इसके बाद उसके साथ लूटपाट की गई। पीड़ित से मिली जानकारी और मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस ने एक आरोपी से संपर्क किया। एक पुलिसकर्मी ने उससे सेक्टर 29 में मीटिंग तय की और जैसे ही वे हाईवे पर पहुंचे तो चार आरोपियों को दबोच लिया।
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